श्री शिव विनायक जी शर्मा
राष्ट्रीय अध्यक्ष - (सम्पर्क क्रांति परिवार N.G.O) प्रख्यात मीडिया व्यक्तित्व,
वरिष्ठ पत्रकार, प्रेरक वक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता
तत्कालीन बिहार प्रदेश के चाईबासा नगर वर्तमान झारखंड राज्य में आता है, राजस्थान शेखावाटी झुंझुनू जिले के मूल रूप से रहने वाले संभ्रांत व्यवसायिक मारवाड़ी गौड़ ब्राह्मण परिवार में पंडित स्वर्गीय जगन्नाथ जी शर्मा के पौत्र, पिता स्वर्गीय बद्रीप्रसाद जी शर्मा, माता स्वर्गीय भगवती देवी शर्मा के सुपुत्र 16 सितंबर 1976 को जन्में, "होनहार बिरवान के होत चिकने पात" कहावत को चरितार्थ करने वाले कम उम्र में ही बड़े इरादे रखने वाले। दुनिया की भीड़ में अलग सूर्य सा ओजस्वी व्यक्तित्व,अपनी बेबाक लेखनी और वाणी के लिए पूरे देश भर में पहचाने जाने वाले प्रखर राष्ट्रवादी चिंतक, राजनीतिक सामाजिक एवं आध्यात्मिक विश्लेषक, सजग राष्ट्रीय प्रहरी, मानवीय मूल्यों के परिचायक, निष्पक्ष पत्रकारिता की जीवंत प्रतिमा,समाज सुधारक, सामाजिक कार्यकर्ता, सकारात्मक सृजनशीलता का दूसरा नाम श्री युक्त श्रीमंत शिव विनायक शर्मा है।
सशक्त, प्रखर, ओजस्वी स्मरणीय व्यक्तित्व श्री शिव विनायक जी शर्मा आपने तरुण अवस्था से ही अनेक प्रतिष्ठित सामाजिक संगठनों के गरिमामई पदों पर रहते हुए राष्ट्र एवं समाज हित में सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में बढ़-चढ़कर अग्रणी भूमिका निभाई है। प्रमुख रूप से मारवाड़ी तरुण मंच, मारवाड़ी युवा मंच, किशोर जागृति मंच, महावीर मंडल, सामाजिक समन्वय समिति, जन संघर्ष मोर्चा, छात्र हितों के लिए एन.एस.यू.आई, पत्रकारिता हितों के लिए एन. यू. जे. आई, दिल्ली जर्नलिस्ट एसोसिएशन, न्यूज़पेपर एसोसिएशन ऑफ इंडिया, इंद्रप्रस्था प्रेस क्लब, दिल्ली प्रेस क्लब, मीडिया कर्मियों के हितों के लिए फिल्म एंड टीवी मीडिया एसोसिएशन, धार्मिक एवं आध्यात्मिक कार्यों के लिए जगतगुरु शंकराचार्य जी द्वारा स्थापित अखिल भारतीय आध्यात्मिक उत्थान मंडल, हिंगलाज सेना, गंगा सेवा अभियानम् , विश्व हिंदू महासभा, विश्व वाहिनी हिंदू महासंघ संगठनों के माध्यम से आपके अथक परिश्रम, प्रेम, समाज सेवा, दृढ़ संकल्प एवं समर्पित बहुमुखी प्रतिभा से समाज लाभान्वित होता रहा है ।
आप विरासत में मिली परंपरा एवं संस्कृति का समाज में सदैव प्रचार -प्रसार करने हेतु तत्पर रहते हैं। अपनी कर्मठता, दृढ़ता, विनम्रता, सहजता, संकल्पशीलता एवं उदारता से आपने समाज में अनुकरणीय व्यक्तित्व का उदाहरण प्रस्तुत किया है। वर्तमान में मुख्य रूप से भारत के प्रखर राष्ट्रवादी साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन सम्पर्क क्रांति परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा दिल्ली एवं राजस्थान से प्रकाशित होने वाले प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र सम्पर्क क्रांति के संपादक हैं। आपके नेतृत्व में सम्पर्क क्रांति परिवार द्वारा भारत सर्वोपरि- राष्ट्र सम्मान सर्वोपरि की भावनाओं के साथ पूरे देश भर में अनेक शाखाओं के माध्यम से साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण संवर्धन रूपी पवित्र राष्ट्रीय कार्यों को एक सशक्त गिलहरी प्रयासों के साथ विभिन्न प्रकल्पों द्वारा संपादित किया जा रहा है। आप पिछले 25 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में निरंतर कार्य करते आ रहें हैं। आपने देश के अनेक प्रतिष्ठित समाचार पत्र पत्रिकाओं में अपनी सेवाएं दी है, आपको पत्रकारिता, समाज सेवा, लेखन, साहित्य के क्षेत्र में अति उल्लेखनीय योगदान के लिए देश के लब्ध प्रतिष्ठित सरकारी संस्थानों, दिल्ली झारखंड,राजस्थान सरकारों एवं सामाजिक तथा पत्रकार संगठनों द्वारा अनेक अवसरों पर सम्मानित किया जाता रहा है। भारत सरकार नेहरू युवा केंद्र द्वारा आपको राष्ट्रीय युवा पुरस्कार प्रदान किया जा चुका है आपको प्रमुख रूप से प्राप्त होने वाले प्रतिष्ठित सम्मान में पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रतिष्ठित सर्वश्रेष्ठ गणेश शंकर विद्यार्थी सम्मान, राष्ट्रीय कलमश्री सम्मान, नारद सम्मान, समाज सेवा के क्षेत्र में स्वामी विवेकानंद मानद उपाधि, गंगापुत्र सम्मान, भारत गौरव सम्मान, लोह पुरुष सरदार सरदार वल्लभभाई पटेल स्मृति सम्मान, प्राइड ऑफ नेशन अवार्ड, विप्र भूषण सम्मान, शंकराचार्य श्रवण कुमार मानद उपाधि, करोना योद्धा सम्मान, राष्ट्रीय करोना नायक सम्मान, राष्ट्रीय प्रहरी सम्मान सहित दर्जनों गरिमामय सम्मान से अलंकृत आपको किया जाता रहा है।
आपने सहज सरल और अपने कुशल नेतृत्व एवं व्यवहार से सभी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हुए समर्थ लोगों के साथ-साथ वंचित लोगों की आवाज बन कर उनको आगे बढ़ाते रहते हैं , कर्मधर्म के धारणकर्त्ता,सुदृढ़ विचारों के धनी हैं आप।आपके कार्यो को देखकर पता चलता है कि मानवता आपका धर्म है।समाजसेवा आपकी जाति है। राष्ट्र और सामाजिक उत्थान आपका लक्ष्य है। दया एवं करुणा आपके आभूषण है ।सरलता,सहजता,सादगी और सौम्यता आपकी पहचान है।सर्वजन हिताय- सर्वजन सुखाय आपके जीवन का मूलमंत्र है।
आपने जीवन में जो भी कार्य किये है उनमें मानवीय संवेदनाओं और अपने आत्म सम्मान को सदैव प्राथमिकता दी है।सहज, सरल और बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी संस्कृति और संस्कार के आप हो अधिनायक, मानव कल्याण और महिला सम्मान के हो आप परिचायक।
राष्ट्र ही हमारा एकमात्र जागृत देवता है, इस भाव को मन में रखते हुए तन- मन- धन से अपनी सेवा राष्ट्र निर्माण कार्य में आप निरंतर देते आ रहे हैं।
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